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Thursday, May 12, 2011

जिंदगी से मौत के आखरी सफ़र मैं

जिंदगी से मौत के आखरी सफ़र मैं
क्या मेरा कोई निसान उनके साथ गया होगा?

मैं तो हूँ बस अब उसकी यादों के सहारे ...
क्या उसे भी अब मेरा कुछ याद रहा होगा?

बिन उसके जीना ???? कभी सोचा न था
सांसे चल रही हैं अब बी मेरी तो॥ शायद
मैंने ही प्यार कुछ कम किया होगा

पर तेरी मुहोब्बत पे हे यकीं मुझे,
इसी लिए हवाओं से बाते करता हूँ
आईने मैं तेरी नजर से खुद को देखता रहता हूँ
यकीं हे मुझे तो अभी भी मेरे आस पास ही होगा

कहते हैं जब दिल रोता है, तो खुदा सुनता है
इसी उम्मीद मैं,
हर पत्थर पे छोड़ रहा हूँ अस्कों के निशान
ना जाने खुदा और कितने इम्तिहान लेगा???

Krishna Kumar Vyas

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Jindgi se Maut ke aakhri safar main...
kya mera koi nisan uske saath gaya hoga???

Main to hun bas ab uski yadon ke sahar ...
kya use bhi ab kuch mera yaad raha hoga???

Bin Uske Jina...Kabhi sochta na tha
Sanse Chal rahi hain ab bhi meri to ... Sayad
Maine hi Pyar kuch kam kiya hoga

Par Teri Mohabat pe hey Yakin Mujhe,
Isi liye Hawaon Se Bate Karta Hun,
Aaine Main teri Najar Se khud ko dekh ta hun
Yakin Hey mujhe to ab bhi mere aas paas hoga..

Kehte hain Jab Dil rota hey, to Khuda sunta hey
Isi umeed main Har Pathar Pe chod raha hun askon ke nisan
Na Jaane Khuda or kitne Imtihan Lega???

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