ShareThis

Wednesday, September 22, 2010

Khuda ka Khof Chod aaya Hun

तेरे दर के बाहर,
ख़ुदा का खोफ़ छोड़ आया हूँ।

ना दिखा खोफ़ मुझे खुदाई का,
ना बता के गुनाहों की सजा होती हे।
के गर होता ख़ुदा...
तो तू ना यूँ बीक रही होती,
ना मैं तूझे खरीद ही रहा होता।


Tere Dar ke Bahar,
Khuda ka Khof Chod aaya Hun,

Na Dikha Khof Mujhe Khuda ka
Na bata gunahon ki saja kya hoti hey,

gar hota khuda...

to tu na yun Bik Rahi Hoti
Na main Tujhe Khareed Raha Hota.

Friday, September 17, 2010

बड़ा अजीब इत्तेफ़ाक है....

बड़ा अजीब इत्तेफ़ाक है....
तीन अजनबियों की सजी है महफिल

एक मै हू, एक् मेरी परछाई और एक चिराग है।

कई सदियों की तन्हाई के बाद
मिला आज फिर किसी का साथ है,
बडा अजीब
इत्तेफ़ाक है....
तनहा खामोशियो की बस
हो रही आज मुलाकात है

तीनो मे
शब्दो की कोई जगह नही...
कोई दुआ कोइ सलाम तक नही
बस
अपनी अपनी किस्मत पे लगे
बद के पेब्न्द् का दर्द्
साफ़ साफ़ है
बड़ा अजीब
इत्तेफ़ाक है....
सासे मिली तो है...
मगर जैसे कोई उधार् है।

बड़ा अजीब
इत्तेफ़ाक है....

by Krishna vyas(ek soch)

--------------------------​--------------------------​--------------------------
Bada Ajeeb Itafaq hey...
Teen ajanbiyon KI saji hey Mehfil

Ek main hun, Ek Meri Parchani or Ek Chirag Hey

Kai Sadiyon Ki Tanhai Ke baad...
Mila aaj fir Kisi Ka saath Hey...
Bada Ajeeb Itafaqq Hey
Tanhan Khamoshiyon ki bas Ho rahi aaj Mulakat Hey..
Bada Ajeeb Itafaq hey


Sabdon ki koi jagah nahi
Koi Duaa Koi Salam Tak Nahi
Bas Apni Apni Kismat pe lage
Bad ke Peband Ka Dard Saaf Saaf hey.

Bada Ajeeb Itafaak Hey..
Sanse mili to hain magar jaise kOi Udhar Hey.

Wednesday, September 15, 2010

एक आँसू सवाल लिए खड़ा है

एक आँसू सवाल लिए खड़ा है
पलकों के किनारे,

एक कदम और आगे
बस फिर दर्द का साथ छूट जाएगा..
एक कदम और आगे..
पर फिर बेरहम दुनिया के पैरो तले
कुचला भी तो जाएगा..

जब तक पलकों पर ठिठका है..
' अनमोल ' है..
किसी के दिल का हाल और
दिल के बेहद करीब है

एक कदम और आगे..
फिर बस..
सर-ए-बज्म निलाम किया जाएगा..

"इस कशमकश मे लो बह गया..."

देखो मगर किस्मत
कि 'जो होठ'..

कई बार मिन्न्ते करने पर भी
ना खुले दिल का हाल कहने के लिए
बेरहम बन गए
और न जाने क्या सोच के
कि आँसू पड़े औरो कि नजर मे
उससे पहले....
खुद ही पी गए।

by Krishna vyas(ek soch)

--------------------------​--------------------------​--------------------------​--
Ek ansu sawal liye khada hey
palkon ke kinare,

ek kadam or aage
bas fir dard ka saath chut jayega,

ek kadam or aage
Or beraham duniya ke peron tale
kuchla bhi to jayega
...
jab tak palkon par thithka hey
anmol hey,
kisi ke dil ka haal or
dil ke behad kareeb hey

ek kadam or aage fir bas
sar-e bajm nilam kiya jayega

kasmkash main lo beh gaya...

dekho magar kismat,
ke jo honth kai bar minat karene par bhi
na khule dil ka haal kehne ke liye

beraham ban gaye or na jane kya soch ke
ansun pade oron ki najar main...
us se pehle pi gaye...