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Tuesday, May 22, 2012

एक दिल की दास्तान एक दिल ने सुन ली

होंठ खुले नही,
आँखें उठी नही,
अब इसे खामोशी की मेहरबानी कहें
या तन्हा रूहों की प्यास
जो,
एक दिल की दास्तान एक दिल ने सुन ली

Honth Khule nahi,
Aankhe uthi nahi,
ab ise khamoshi ki meharbani kahain,
ya tanha ruhon ki pyas
jo,
eak dil ki dashtan ek dil ne sun li

By : Krishna Kumar Vyas

Tuesday, May 1, 2012

मगर आहें... ....ठंडी ठंडी

बड़ा अजब है ये वाक़्या
दिल मे है दहकते शोलों की जलन
मगर आहें...
....ठंडी ठंडी

Bada Ajab he, wakya,
Dil me he, dahakte sholon ki jalan
magar Aahain...
...Thandi Thandi

By: Krishna Kumar Vyas

तुझे अपना सा लगना ही था

धोका लाजमी होना ही था,
मगर कम्बख़्त "अस्क" मजबूर है,
अपने खारे पन की आदत से,
सो चाहे बेगाना ही क्यों ना हो
तुझे अपना सा लगना ही था

Dhoka Lajmi hona hi tha,
Magar Kambakth Ashk Majboor hain,
Apne Khare Pan ki aadat se,
so chahe begana hi kyon na ho,
tujhe apna sa lagna hi tha..

By: Krishna Kumar Vyas